उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए छात्रों और अभिभावकों के हित में शैक्षिक सत्र 2020–21 में विद्यालयों द्वारा शुल्क वृद्धि ना किए जाने के निर्देश दिए हैं। लॉकडाउन के कारण कुछ छात्र–छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं और ऐसे छात्रों के अभिभावकों को शुल्क जमा किए जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को यह निर्देश दिया है।
उप-मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा अराधना शुक्ला ने समस्त जिलाधिकारी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दृष्टिगत लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आपात परिस्थितियों के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में संचालित समस्त बोर्ड जैसे उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई), भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई), इंटरनेशनल बेक्कलॉरेट (आईबी) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईजीसीएसई) द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020–21 के लिए शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी और शैक्षणिक सत्र 2019–20 में नए प्रवेश व प्रत्येक कक्षा हेतु बताए गए शुल्क संरचना के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020–21 में छात्र/छात्राओं से शुल्क लिया जाएगा।
यदि किसी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020–21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दरों से शुल्क लिया जा चुका है तो बढ़ी हुई अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों के शुल्क में समायोजित किया जाएगा।