गोरखनाथ मंदिर में स्थापित मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय आज से पूरी तरह बंद कर दिया गया। भीड़ से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। पहले यह व्यवस्था की गई थी फरियादी आएंगे और बाहर गेट पर लगाए गए बाक्स में अपना प्रार्थना पत्र डालेंगे। जिस जिले तहसील और थाने से संबंधित मामला होगा वहां के संबंधित अधिकारी के पास उसे भेजा जाएगा। इसकी शुरूआत शुक्रवार को हुई थी पर उसे भी बंद कर दिया गया।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखनाथ मंदिर में फरियादियों की भीड़ बढ़ने लगी थी। मंदिर के कर्मचारी संबंधित अधिकारियों को फोन कर समस्या के समाधान की बात करते थे। भीड़ लगातार बढ़ने की वजह से मुख्यमंत्री ने वहां शासन की तरफ से एक कैंप कार्यालय प्रभारी की तैनाती कर दी। जिसे तैनात किया गया है वह रिटायर एसडीएम हैं। जो वहां हर रोज आने वाले फरियादियों की समस्याओं को सुनते हैं।
उसके निराकरण के लिए संबंधित जिलाें के अधिकारियों से बात कर समस्या का समाधान करेंगे। तबसे यह व्यवस्था लगातार चल रही थी। इधर कोरोना का प्रभाव बढ़ा तो पहले भीड़ कार्यालय में न आए उसकी व्यवस्था की गई। बाद में लखनऊ से इस तरह का निर्देश आया कि इसे पूरी तरह से स्थगित किया जाए तो अब उसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
कैंप कार्यालय प्रभारी मोतीलाल सिंह ने बताया कि शुक्रवार को बॉक्स लगाया गया था। लोगों से उसमें प्रार्थना पत्र डालने को कहा गया था पर अब उसे भी अग्रिम आदेश तक बंद कर दिया गया। कोरोना से बचाव के लिए यह कदम उठाया गया है।